स्वामी चिदानंद व न्याय मंत्री मेघवाल की भेंटवार्ता
भारतीय संस्कृति को संवर्धित करने पर दिया जोर
नई दिल्ली। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और भारत सरकार के कानून व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की दिव्य भेंटवार्ता हुई। इस दौरान स्वामी चिदानंद ने मंत्री मेघवाल को कुम्भ मेला में सहभाग हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि अर्जुन राम मेघवाल भारतीय संस्कृति के उपासक, देशभक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पित जीवन जीने वाले अद्भुत व्यक्तित्व है। उन्होंने अपने पूरे जीवन की आहुति देश की सेवा एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु समर्पित कर दी। उनकी सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता है। मंत्री मेघवाल ने हमेशा ही समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए कार्य किया है। वह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं और उनके कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। अर्जुन राम मेघवाल ने महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वह नारियों के अधिकारों और उनके सम्मान प्रति सदैव ही सजग रहते हैं। उनकी भक्तिमति मीरा बाई के प्रति अपार श्रद्धा है। उन्होंने भारतीय संस्कृति, विरासत और धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी अनेक प्रयास किए, उनका मानना हैं कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है और इसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।
न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती के जीवन और उनके कार्य हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके द्वारा वैश्विक स्तर पर की जा रही सेवाएँ और सम्पूर्ण मानवता के संरक्षण हेतु समर्पण अद्भुत है। मां गंगा की आरती के माध्यम से स्वामी चिदानंद प्रतिदिन न केवल युवाओं को, आस्थावानों को बल्कि पूरे समाज को जाग्रत कर एक नई दिशा प्रदान करने का उत्तम कार्य कर रहे हैं, उनकी यह साधना नमन करने योग्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और समाज के प्रति हमारा दायित्व है कि हम इसे संरक्षित करें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।
दोनों विभूतियों ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। स्वामी चिदानंद ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर ही हमारी पहचान है, और इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और सेवा ही समाज को समृद्ध और सशक्त बना सकते हैं। अब समय आ गया कि समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए संत, समाज और सरकार मिलकर कार्य करें। क्योंकि सेवा और न्याय के बिना समाज का विकास संभव नहीं है।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। जो न्याय मंत्री और उनकी धर्मपत्नी पाना देवी ने अपने प्रांगण में रोपित किया।