उत्तराखंडलेटेस्ट खबरें

परमार्थ निकेतन में विभिन्न देशों के साधकों ने लगाया ध्यान

स्वामी चिदानंद व साध्वी भगवती ने वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर दिया व्याख्यान

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में विंटर सोल्सटिस के दिन पहला वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया गया। इसमें साध्वी भगवती सरस्वती के पावन सान्निध्य व मार्गदर्शन में विभिन्न देशों से आये पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने ध्यान किया।

परमार्थ निकेतन ने विभिन्न स्थलों पर ध्यान लगाकर वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया। वहीं रात्रिकाल में विभिन्न देशों के साधकों ने साध्वी भगवती सरस्वती के सानिध्य में परमार्थ के गंगा घाट पर 21 मिनट का सामूहिक एवं ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से ध्यान लगाया।

साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि वर्ल्ड मेडिटेशन डे वास्तव में एक ऐतिहासिक पहल है। वैश्विक ध्यान दिवस का उद्देश्य वैश्विक शांति, मानसिक शांति और एकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दिन की गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर चलने वाली मानसिक शांति का अद्भुत उपहार है, जिसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना है। कहा कि ध्यान एक प्राचीन और पवित्र परंपरा है जो न केवल भारतीय संस्कृति, बल्कि पूरी दुनिया के लिये अत्यंत आवश्यक है। ध्यान के मााध्यम से आंतरिक शांति के साथ ही आपसी एकता, प्यार और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की भावना को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। आधुनिक व्यस्त जीवनशैली में तनाव और मानसिक थकान एक सामान्य समस्या बन चुकी है। ऐसे में ध्यान एक शक्तिशाली और प्रभावी उपाय है, इसलिये नियमित ध्यान का अभ्यास करना जरूरी है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्ल्ड मेडिटेशन डे एक वैश्विक पहल है, जो हमें मानसिक शांति, एकता और सामूहिक स्थिरता के महत्व को समझने और अनुभव करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करती है। इस दिन हम सभी मिलकर ध्यान के माध्यम से शांति और मानसिक संतुलन का संदेश पूरी दुनिया में फैलाये और एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ाये। ध्यान के माध्यम से आंतरिक शांति और सामूहिक एकता का अनुभव करें। आइए हम एकजुट होकर शांति और प्रेम का उत्सव मनाएं, ताकि यह हमारे जीवन को हर दिन समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाए।

कहा कि 21 दिसंबर 2024 से सूर्य का खगोलीय उत्तरायण शुरू हो जाता है यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। उत्तरायण वह समय होता है जब सूर्य अपनी छः महीने की दक्षिणायन यात्रा को समाप्त कर उत्तरी गोलार्ध की ओर पुनः यात्रा शुरू करता है। इस दिन से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है, जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस खगोलीय परिवर्तन के साथ भारतीय संस्कृति में इसे नए साल का आरंभ और शुभ अवसर माना जाता है।

उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर को ‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ भी मनाया जा रहा है, जो एक वैश्विक पहल है। यह दिन मानसिक शांति और ध्यान के महत्व को समझने के लिए समर्पित है। सूर्य की उत्तरायण यात्रा और ध्यान का संगम एक सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक शांति का प्रतीक है।

21 जून को भी एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है, जिसे गर्मियों की संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सूर्य पृथ्वी के सबसे उत्तरतम बिंदु पर स्थित होता है, यानि यह कर्क रेखा पर सीधा स्थित होता है। इसे खगोलीय रूप से सूर्य का कर्क संक्रांति भी कहा जाता है। यह समय नई शुरुआत, उम्मीद और जीवन के चक्र के पुनर्नवनीकरण का प्रतीक है।

Related Articles

Back to top button